जेवर में झूठे अपहरण का हाई-वोल्टेज ड्रामा बेनकाब: पायलट समेत 5 गिरफ्तार, नोएडा एयरपोर्ट परियोजना में करोड़ों की साजिश का पर्दाफाश
ग्रेटर नोएडा। टीवी8 न्यूज
ग्रेटर नोएडा, 28 जून 2025: जेवर पुलिस ने एक सनसनीखेज झूठे अपहरण की साजिश का पर्दाफाश करते हुए एक पायलट सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह चौंकाने वाली घटना सीधे तौर पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना से जुड़ी है और करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का एक बड़ा खेल सामने आया है।
क्या था मामला?
दरअसल, यह पूरा मामला एक व्यक्ति के “अपहरण” की झूठी कहानी से शुरू हुआ था। आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से इस अपहरण का नाटक रचा था, जिसका मुख्य मकसद एयरपोर्ट परियोजना के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन के मुआवजे में हेरफेर कर करोड़ों रुपये हड़पना था। पुलिस को जब इस अपहरण की सूचना मिली, तो उन्होंने तत्परता से जांच शुरू की। शुरुआत में यह मामला एक सामान्य अपहरण लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, इसके पीछे की गहरी साजिश परत-दर-परत खुलने लगी।
कैसे हुआ खुलासा?
जेवर पुलिस ने अपहरण की शिकायत मिलते ही आधुनिक तकनीक और पारंपरिक जांच के तरीकों का इस्तेमाल किया। कॉल डिटेल रिकॉर्ड, लोकेशन ट्रैकिंग और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती संदेह तब गहराया जब कथित अपहृत व्यक्ति और उसके परिवार के बयानों में विरोधाभास पाया गया। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाया और कई संदिग्धों पर नज़र रखनी शुरू की।
तकनीकी साक्ष्यों और खुफिया जानकारी के आधार पर, पुलिस ने पाया कि यह अपहरण एक सोची-समझी चाल थी। सभी आरोपी एक-दूसरे से लगातार संपर्क में थे और अपनी योजना को अंजाम देने के लिए मिल-जुलकर काम कर रहे थे। पुलिस ने पुख्ता सबूत जुटाने के बाद सभी आरोपियों को धर दबोचा।
कौन-कौन हुए गिरफ्तार?
गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में एक पायलट भी शामिल है, जिसकी पहचान अभी तक पुलिस ने सार्वजनिक नहीं की है। पुलिस का कहना है कि यह पायलट इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड हो सकता है। इसके अलावा, अन्य चार गिरफ्तार व्यक्ति भी इस धोखाधड़ी के खेल में सक्रिय रूप से शामिल थे। इनके नाम और अन्य विवरण अभी जांच का हिस्सा हैं और पुलिस जल्द ही इनकी जानकारी भी साझा कर सकती है।
एयरपोर्ट परियोजना पर असर और आगे की कार्रवाई
इस घटना ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना से जुड़े ज़मीन मालिकों और अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा दिया है। यह दर्शाता है कि इतनी बड़ी और महत्वपूर्ण परियोजना में भी आपराधिक तत्व किस तरह से सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
जेवर पुलिस ने बताया है कि इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके कनेक्शन का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या इन्होंने पहले भी इसी तरह की किसी घटना को अंजाम दिया है या नहीं। पुलिस ने परियोजना से जुड़े सभी लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की है।
यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि संगठित अपराध अब न सिर्फ हिंसक वारदातों तक सीमित हैं, बल्कि वित्तीय धोखाधड़ी और बड़ी विकास परियोजनाओं में भी अपनी पैठ बना रहे हैं। पुलिस की इस तत्परता से की गई कार्रवाई ने एक बड़े वित्तीय अपराध को रोका है और दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है।