इज़राइली हवाई हमले में ईरान के छह शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों की मौत, खाड़ी क्षेत्र में तनाव चरम पर
मध्य-पूर्व में तनाव एक बार फिर विस्फोटक मोड़ पर पहुंच गया है। इज़राइल द्वारा शुक्रवार को ईरान पर किए गए बड़े पैमाने पर हवाई हमलों में छह प्रमुख ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई है। यह हमला उस वक्त हुआ जब इन वैज्ञानिकों की उपस्थिति तेहरान के परमाणु अनुसंधान परिसर में दर्ज की गई थी।
इज़राइली सैन्य प्रवक्ता ने इस ऑपरेशन को “राइजिंग लायन” नाम देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ईरान के बढ़ते परमाणु खतरे को निष्क्रिय करना था। जानकारी के अनुसार, इस हमले में 200 से अधिक लड़ाकू विमान और ड्रोन शामिल थे, जो रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाकर लौटे।
मारे गए वैज्ञानिकों में शामिल हैं:
- डॉ. फेरेयदून अब्बासी: पूर्व परमाणु ऊर्जा प्रमुख और संसद सदस्य, सेंट्रीफ्यूज टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ
- डॉ. मोहम्मद मेहदी तेहरांची: सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी और पूर्व विश्वविद्यालय रेक्टर
- डॉ. अब्दुलहमीद मिनूचेहर, डॉ. अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ाघारी, डॉ. सेय्यद अमीरोसैन फक़्ही, और डॉ. मोतलबिज़ादेह – सभी परमाणु ईंधन प्रौद्योगिकी और रिएक्टर डिज़ाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे
ईरानी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को “ईरान की संप्रभुता पर हमला” बताते हुए कहा है कि इसका जवाब “निर्णायक और समयबद्ध” होगा। तेहरान में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और अमेरिका-इज़राइल के खिलाफ नारेबाजी की।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयुक्त राष्ट्र महासचिव और यूरोपीय संघ ने इस हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका ने एकतरफा टिप्पणी से बचते हुए कहा कि वह “परिस्थितियों की निगरानी कर रहा है।”
विश्लेषण: यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि ईरान की न्यूक्लियर तकनीक की रीढ़ कहे जाने वाले ये वैज्ञानिक वर्षों से अनुसंधान और संवर्धन गतिविधियों का नेतृत्व कर रहे थे।