ईरान के लिए परमाणु कार्यक्रम कहीं खुद के विनाश का कारण ना बन जाए?
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर इज़राइल के हालिया हमले वाकई में इस सवाल को जन्म देते हैं—क्या ये हथियार ईरान के लिए सुरक्षा की गारंटी हैं या विनाश का कारण बन सकते हैं?
क्या हुआ है अब तक?
- 13 जून 2025 को, इज़राइल ने ईरान के नतांज़, इस्फहान और फोर्दो जैसे प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए
- 15,000 से अधिक सेंट्रीफ्यूज क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए
- नतांज़ की अंडरग्राउंड फैसिलिटी में बिजली आपूर्ति ठप होने से सेंट्रीफ्यूजों में गंभीर यांत्रिक क्षति हुई
- IAEA ने पुष्टि की है कि हमले से ईरान की यूरेनियम संवर्धन क्षमता को बड़ा झटका लगा है4
इज़राइल का मकसद क्या है?
इज़राइल का दावा है कि ईरान 60% तक संवर्धित यूरेनियम बना रहा था, जो 90% हथियार-ग्रेड स्तर के बेहद करीब है। इज़राइल इसे अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और उसका उद्देश्य है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की क्षमता तक न पहुंचे।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने इन हमलों को “युद्ध की घोषणा” बताया है और चेतावनी दी है कि वह इसका जवाब देगा। हालांकि, उसने अब तक हमलों की पूरी क्षति को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है6।
क्या परमाणु हथियार बन सकते हैं काल?
इतिहास गवाह है कि जब कोई देश परमाणु हथियारों की ओर बढ़ता है, तो वह सुरक्षा के बजाय अस्थिरता को आमंत्रित कर सकता है। ईरान के मामले में, उसके वैज्ञानिकों की हत्या, परमाणु ठिकानों पर हमले और अंतरराष्ट्रीय अलगाव यह संकेत देते हैं कि यह रास्ता शांति की बजाय टकराव की ओर ले जा रहा है।