मणिपुर हिंसा के बाद महंगाई की मार, हाईवे ब्लॉकेज से जरूरी सामानों की भारी कमी
टीवी8 न्यूज, मनोज कुमार दीक्षित
मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण ट्रांसपोर्ट रूट्स बाधित हो गए हैं, जिससे खाने-पीने की चीजों और दवाइयों की भारी कमी हो गई है। खासतौर पर चुराचांदपुर और इंफाल में हालात गंभीर हैं।
मिजोरम के रास्ते आ रही सप्लाई, बढ़े दाम स्थानीय निवासियों के अनुसार, अब सभी जरूरी सामान मिजोरम के रास्ते आ रहा है, जिससे ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ गई है और सामान महंगा हो गया है। पहले की तुलना में खाद्य पदार्थों और दवाओं के दाम दोगुने हो चुके हैं।
हाईवे ब्लॉकेज से ट्रकों को लंबा रास्ता लेना पड़ रहा चुराचांदपुर, जो कुकी समुदाय का गढ़ माना जाता है, मुख्य रूप से नेशनल हाईवे-2 और 37 पर निर्भर है, जो असम और नगालैंड को मणिपुर से जोड़ते हैं। लेकिन हिंसा के कारण ये रास्ते बंद हैं, जिससे ट्रकों को मिजोरम के रास्ते लंबा सफर तय करना पड़ रहा है।
हिंसा में 300 से ज्यादा मौतें, हजारों लोग विस्थापित मणिपुर में 3 मई 2023 को कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है। इस दौरान 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, 1500 से ज्यादा घायल हुए हैं और 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं2।
सरकार की प्रतिक्रिया केंद्र सरकार ने 8 मार्च से सभी रूट्स खोलने का निर्देश दिया है, ताकि लोगों को राहत मिल सके। हालांकि, हालात अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं।